The best Side of sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर get more info रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।